आज वहीं कुछ लोगों के स्वार्थ ने उस आजादी की परिभाषा ही बदल डाली। आज वहीं कुछ लोगों के स्वार्थ ने उस आजादी की परिभाषा ही बदल डाली।
रंग बदलते लोग यहाँ पर, नैन मिलाना ना सखी।। रंग बदलते लोग यहाँ पर, नैन मिलाना ना सखी।।
लोग पढेंगे ओर समझेंगे कुछ ज्ञान के वास्ते सही मिसाल मिलेगी जब बदलते रहेंगे रिश्ते। लोग पढेंगे ओर समझेंगे कुछ ज्ञान के वास्ते सही मिसाल मिलेगी जब बदलते रहेंगे रिश्त...
कैनवास के रंग.. कैनवास के रंग..
जमीं...क्यूँ हो रंगे लाल जब दोनों में बहता एक ही रंग। जमीं...क्यूँ हो रंगे लाल जब दोनों में बहता एक ही रंग।
कहे भाऊ कविराय, भरी हो सबकी झोली। खुशियों से भरी हो, पर्व रंगों का होली।। कहे भाऊ कविराय, भरी हो सबकी झोली। खुशियों से भरी हो, पर्व रंगों का होली।।